Ram Mandir: राम मंदिर से जुड़े बड़े सवालों के जवाब, यहां जानें कितना भव्य होगा रामलला का मंदिर

Ram Mandir Inauguration: साल 2024 सभी के लिए बहुत खास और ऐतिहासिक होने वाला है क्योंकि अयोध्या में बने राम मंदिर का भव्य उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होने जा रहा है। 

साल 2024 सभी के लिए बहुत खास और ऐतिहासिक होने वाला है क्योंकि अयोध्या में बने राम मंदिर का भव्य उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को होने जा रहा है। इस दिन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम किया जाएगा। हिंदू धर्म में भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का बहुत बड़ा महत्व है। वहीं धर्म गुरुओं की मानें तो मंदिर में भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के बिना उनका पूजन अधूरा होता है। राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा सभी के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन को पर्व की तरह मनाने के लिए सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही 15 जनवरी से मंदिर में पूजा-पाठ और अनुष्ठान जैसे कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। मंदिर के उद्घाटन को लेकर लोगों में उत्सुकता बढ़ती जा रही है। ऐसे में सभी के मन में मंदिर और कार्यक्रम को लेकर बहुत से सवाल हैं जैसे, मंदिर में आरती का समय क्या होगा? मंदिर का द्वार कैसा होगा? इत्यादि। आइए इन सभी सवालों के जवाबों को विस्तार से जान लेते हैं।

सवाल-मंदिर में आरती का समय क्या है ?
जवाब- अयोध्या राम मंदिर में आरती तीन टाइम की जाएगी, जिसका समय सुबह 6:30 बजे, दोपहर 12:00 बजे और शाम 7:30 बजे होगा।

सवाल- रामलला की मूर्ति किसने बनाई ?
जवाब- रामलला की मूर्ति को कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। यह मूर्ति पांच साल के बालस्वरूप में है।

सवाल-रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समय क्या होगा ?
जवाब- रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त निकाला गया है। ये समय 22 जनवरी 2024 को 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा।

सवाल-मंदिर की लंबाई चौड़ाई क्या है ?
जवाब-मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है। यह मंदिर तीन मंजिला है, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है। इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे हैं।

सवाल- मंदिर का प्रवेश द्वार कैसा है ?
जवाब-राम मंदिर में प्रवेश पूर्व दिशा की ओर है, सिंह द्वार से 32 सीढ़ियां चढ़कर प्रवेश होगा।

सवाल- रामलला की मूर्ति का सूर्य तिलक कब होगा?
जवाब- रामलला की मूर्ति का सूर्य तिलक रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूर्य का प्रकाश जब रामलला के माथे पर पड़ेगा, उसे ही सूर्य तिलक कहा जाएगा। 

सवाल-  रामलला की पुरानी मूर्ति का क्या होगा?
जवाब-पुरानी मूर्ति जो फिलहाल छोटे मंदिर में स्थापित है, उसकी भी नई मूर्ति के साथ गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

सवाल-राम मंदिर परिसर के चारों कोनों में क्या होगा ?
जवाब-राम मंदिर परिसर के चारों कोनों पर चार मंदिर होंगे, जिनमें सूर्य देव, देवी भगवती, गणेश भगवान और भगवान शिव को समर्पित होंगे। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा का मंदिर, जबकि दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर है।

सवाल-राम मंदिर में व्यवस्था कैसी है ? 
जवाब-दिव्यांगों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था होगी।

सवाल-किस तरह से हो रहा है मंदिर का निर्माण ?
सवाल-राम मंदिर का निर्माण पूरी तरह से भारत की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके किया जा रहा है। हालांकि, इसका निर्माण पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष जोर देते हुए किया जा रहा है।

सवाल- राम मंदिर के आस-पास शौचालय है या नहीं ?
सवाल-परिसर में स्नान क्षेत्र, वॉशरूम, वॉशबेसिन, खुले नल आदि के साथ एक अलग ब्लॉक भी होगा।

सवाल – मंदिर में श्रीराम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कैसे होगी?
अभी रामलला की तीन मूर्ति बन रही हैं, प्रतिमा का चयन होने के बाद जनवरी के दूसरे सप्ताह में अभिषेक के लिए सरयू ले जाया जाएगा. अभिषेक के बाद जुलूस के जरिए अयोध्या के मंदिरों में ले जाया जाएगा. यहां से प्रतिमा राम मंदिर के दूसरे द्वार से गर्भगृह में लाया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा तक भगवान की आंखों पर पट्टी बंधी रहेगी, जिसके बाद मंत्रोच्चार के बीच पट्टी हटाई जाएगी और मूर्ति को दुनिया के सामने लाने का मुख्य अनुष्ठान 22 जनवरी को होगा.
 
सवाल – यदि अयोध्या में पहले से ही श्री रामलला की शिशु अवस्था की मूर्ति है तो नई मूर्ति क्यों बनाई जा रही है?
अयोध्या में पहले ही रामलला की शिशु अवस्था की मूर्ति है बावजूद इसके नई मूर्ति बन रही है क्योंकि मान्यता है कि श्री रामलला अयोध्या में प्रकट हुए थे. तब से इस स्थान पर रामलला की दैनिक पूजा बिना किसी रुकावट के हो रही है. अब जो भक्त दर्शन के लिए आएँगे वो 25 से 30 फीट की दूरी से दर्शन कर पाएँगे. ऐसे में बड़ी प्रतिमा की जरुरत हुई. प्राचीन मूर्ति भी गर्भगृह में ही रखी जाएगी. नई मूर्ति अचल होगी और हमेशा गर्भगृह में रहेगी. दूसरी उत्सव मूर्ति होगी जो शोभायात्रा में निकाला जा सकती है. 

सवाल – क्या ये तीनों मूर्तियाँ अलग-अलग धातुओं या पत्थरों से बनी हैं?
अयोध्या में बन रही तीन मूर्तियां अलग-अलग पत्थर या धातु से बनी है, दरअसल मूर्तियों के लिए एक मानदंड के पत्थर का उपयोग किया जाएगा उसमें कुछ रासायनिक गुण होने चाहिए. इसके लिए दक्षिण भारत, जयपुर, कर्नाटक से पत्थर लाए गए हैं. इन्हें अलग-अलग मूर्तिकारों को दिया गया है. इन मूर्तियों का निर्माण गोपनीय से हो रहा है. इसमें किसी धातु का इस्तेमाल नहीं हो. ये मंदिर हजारों साल तक चलेगा. इसलिए पूरे मंदिर का निर्माण ख़ास पत्थरों से किया गया है. 

सवाल – मंदिर कितना बड़ा है?
राम मंदिर का कुल क्षेत्रफल 2.7 एकड़ है और मंदिर का निर्माण 57000 वर्ग. फीट में है. शिखर समेत मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी. इस मंदिर की तीन मंजिलें हैं और प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है. 

सवाल – मंदिर निर्माण के लिए कितने लोग काम कर रहे हैं? काम कैसा चल रहा है? कब तक चलेगा काम?
मंदिर निर्माण का शिलान्यास पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को किया था. इस काम में 3500 कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं. 31 दिसंबर 2023 तक निर्माण पूरा करने की समयसीमा खत्म हो रही है. अभी ग्राउंड फ्लोर का काम चल रहा है. ग्राउंड फ्लोर पर श्री राम की पूरी कहानी को पत्थर में उकेरा जाएगा. मंदिर निर्माण में मिट्टी परीक्षण के बाद विशेषज्ञों की सलाह पर 15 मीटर गहराई तक मिट्टी हटाकर दूसरी मिट्टी भरने की सलाह दी. इस इलाके में आए भूकंप से 50 गुना ज्यादा तीव्रता का भूकंप भी आए तो कोई खतरा नहीं होगा. 

सवाल – यह मिट्टी कहां से आई और अगर सरयू नदी में बाढ़ आएगी तो क्या मंदिर पर कोई असर पड़ेगा?
मंदिर की मिट्टी में कुछ विशेष प्रकार का सीमेंट भी मिलाया जाता है. इसके बाद इस तरह परत दर परत 47 परतें जोड़कर फाउंडेशन तैयार किया गया है. सरयू नदी में बाढ़ के मुद्दे की भी जांच की गयी है. सीएसआईआर ने कहा है कि किसी भी तरह से बाढ़ का खतरा नहीं है.

सवाल – यह पता चला है कि निर्माण कार्य को पहले पूरा करने के लिए अतिरिक्त श्रमिकों को लाया गया है. ये सभी मजदूर कहां से लाए गए हैं?
लार्स एंड टर्बो कंपनी राम मंदिर का निर्माण कर रही है. यह कंपनी निर्माण कार्य कर रही है. इस काम की निगरानी टाटा कंसल्टेंसी कर रही है. इसके लिए कुशल श्रमिक काम में लगे हैं. मंदिर में लगभग 390 स्तंभ हैं. प्रत्येक स्तंभ पर लगभग 30 मूर्तियां उत्कीर्ण हैं. इसमें दक्ष कारीगर उड़ीसा के हैं. पत्थर के काम के लिए राजस्थान से कुशल कारीगर आए हैं. अलग-अलग जगहों से अलग-अलग काम के लिए लोगों को लाया गया है. इसमें पश्चिम भारत, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान से बड़ी संख्या में श्रमिक लाए गए हैं.

सवाल – श्रीराम के अलावा और किनके मंदिर होंगे?
राम मंदिर निर्माण में देश के 5 लाख गांवों से लाई गई ईंट का ही इस्तेमाल किया गया है. इसलिए हर राज्य किसी न किसी रूप में इस मंदिर में है. इसके अलावा, परकोटा के बाहर इसी क्षेत्र में 7 और मंदिर भी बनने जा रहे हैं. इसमें महर्षि वाल्मिकी, वशिष्ट, निषाद महाराज, सबरीमाता, अहिल्या जैसे सात मंदिर शामिल होंगे.

सवाल नंबर-9:इन सबमें श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की क्या भूमिका होगी?
मंदिर निर्माण के बाद राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ही पूरा प्रशासनिक काम करेगा. निर्माण के बाद के सभी प्रशासनिक कार्य भी ट्रस्ट को ही करने होंगे. भीड़ नियंत्रण, भक्तों की सुविधाएं, धन प्रबंधन ये सभी मामले ट्रस्ट को ही करने होंगे. इस पूरी प्रक्रिया में सरकार की ओर से कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा. भारत के लोगों के जरिए अब तक साढ़े तीन हजार करोड़ का दान आ चुका है. ये सारा दान ट्रस्ट के खाते में ही जमा होता है. उन्हें इसका हिसाब देना होगा. 

सवाल – सुरक्षा के लिहाज से क्या व्यवस्था होगी?
 राम मंदिर की सुरक्षा दो चरणों में होगी. पहले चरण में मंदिर क्षेत्र में सुरक्षा. यह पूरी जिम्मेदारी ट्रस्ट की होगी. इस सुरक्षा की व्यवस्था ट्रस्ट खुद करेगा. लेकिन पूरी सुरक्षा उत्तर प्रदेश सरकार देखेगी. जिस तरह वीआईपी लोगों की सुरक्षा के लिए एसपीजी कमांडो होते हैं. ऐसे में पुलिस बल के कुछ लोगों को मंदिर की सुरक्षा में लगाया जाएगा.

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